देवात्मा हिमालय सनातन काल से इस पृथ्वी पर आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करने वाले दिव्य, सशक्त केन्द्र के रूप में स्थापित है । वर्तमान समय में विश्व में प्रचलित अनेक पंथों के शीर्ष पुरुषों ने हिमालय की दिव्य ऊर्जा का लाभ उठाया है । हिमालय की वह दिव्य क्षमता आज भी उतनी ही प्रभावपूर्ण है । हिमालय के हृदय क्षेत्र से ही ऋषि तंत्र द्वारा नवयुग सृजन के लिए प्रेरणा एवं ऊर्जा प्रवाह संचरित किया जा रहा है । युगऋषि, वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने देवात्मा हिमालय का यह प्राण प्रतिष्ठित मंदिर विशेष पुण्य-उद्देश्य से स्थापित किया है । आज के व्यस्त जीवन में हिमालय के दिव्य क्षेत्र में पहुँचकर ऊर्जा-अनुदान पाना कठिन हो गया है । वहाँ प्रवास करने वाले अधिकांश लोग सही जानकारी एवं उपयुक्त वातावरण के अभाव में केवल स्थूल पर्यटन का ही लाभ उठा पाते हैं । युगऋषि द्वारा स्थापित हिमालय के इस प्राण प्रतिष्िठत मंदिर में, श्रद्धालुजन हिमालय की दिव्य आध्यात्मिक चेतना का स्पर्श प्राप्त कर सकते हैं । व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन को श्रेष्ठ दिशा देने में समर्थ दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुदान प्राप्त कर सकते हैं ।
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Akhandjyoti Apr(1992)