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देव संस्कृति विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ समाज को समर्पित

कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या जी ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं कई सांसद, गणमान्यों की उपस्थिति में किया लोकार्पण

सांकरा, कुम्हारी, दुर्ग। छत्तीसगढ़
माननीय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी, कुलाधिपति देव संस्कृति विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री माननीय डॉ. रमन सिंह ने १५ अक्टूबर को अनेक गणमान्यों की उपस्थिति में 'देव संस्कृति विश्वविद्यालय सांकरा, जिला दुर्ग' का लोकार्पण किया।  प्रदेश के हजारों समर्पित कार्यकर्त्ताओं के साथ इस अवसर पर श्रीमती रमशीला साहू-महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्री रमेश बैस सांसद रायपुर, श्री चंदूलाल साहू-सांसद महासमुंद, श्री अभिषेक सिंह-सांसद राजनांदगाँव, श्री भूषणलाल जांगड़े-राज्यसभा सदस्य, श्री धरमलाल कौशिक-पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, सुश्री सरोज पाण्डेय-राष्ट्रीय महासचिव भाजपा, श्री श्याम बैस-अध्यक्ष छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम, श्री सांवला राम डाहरे-अहिवारा विधायक, अनेक संस्थाओं के पदाधिकारी, क्षेत्र के वरिष्ठ जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। गायत्री परिवार की ओर से दक्षिणपूर्व जोन प्रभारी शांतिकुंज प्रतिनिधि श्री गंगाधर चौधरी, प्रांतीय समन्वयक श्री दिलीप पाणिग्रही, वरिष्ठ कार्यकर्त्ता डॉ. अरुण मढ़रिया, श्री नंदकिशोर सुरजन, श्री ओमप्रकाश राठौर आदि वरिष्ठ कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव
मुख्यमंत्री जी ने अपने ६५वें जन्मदिन पर शांतिकुंज, उत्तराखंड के बाद छत्तीसगढ़ में देश का दूसरा देव संस्कृति विश्वविद्यालय समाज को समर्पित किये जाने को छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव बताया।

देश की शिक्षानीति अपने समाज और संस्कृति के अनुरूप हो। - डॉ. प्रणव पण्ड्या, कुलाधिपति
माननीय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी ने लोकार्पण समारोह में कहा कि हमारा लक्ष्य है प्रदेश की जवानी प्रदेश के विकास में लगे, प्रदेश की आवश्यकता के अनुरूप रोजगार विकसित हों, विद्यार्थियों को आसानी से रोजगार उपलब्ध हो सके। सही मायनों में विद्यालय-विश्वविद्यालयों में ही समाज और राष्ट्र का भविष्य गढ़ा जाता है। यह विश्वविद्यालय छात्रों को केवल पुस्तकें नहीं पढ़ायेगा, बल्कि उनके व्यक्तित्व को ऊँचा उठायेगा, उन्हें संस्कारवान बनायेगा। समाज की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आये, यहाँ के विद्यार्थी एक नयी वैचारिक क्रांति को जन्म दे सकें, जिससे सभ्य समाज के निर्माण की योजनाओं को गति मिले, ऐसे हमारे प्रयास हैं।

हर जिले में महाविद्यालय एवं बाल संस्कार शालाएँ
हम देश की शिक्षानीति को बदलना चाहते हैं। छत्तीसगढ़ के हर जिले में कम से कम एक-दो महाविद्यालय खुलें, हर जिले में कम से कम १००-१०० बाल संस्कार शालाएँ चलें, ऐसे प्रयास हमारे नैष्ठिक कार्यकर्त्ताओं को करने चाहिए। राजनांदगाँव और चिल्हाटी में महाविद्यालय बनकर तैयार हैं, जिनका लोकार्पण शीघ्र ही होगा।

मुख्यमंत्री जी के जन्मदिन पर प्रदेश वासियों के लिए बड़ा उपहार
माननीय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय लोकार्पण मंच पर ही प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री को उनके ६५वें जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने गायत्री परिवार की ओर से मुख्यमंत्री जी का तिलक कर, रक्षासूत्र बाँधकर, रुद्राक्ष की माला एवं उपवस्त्र भेंटकर डॉ. रमन सिंह के उज्ज्वल भविष्य एवं दीर्घ आयुष्य की कामना की। उनके जन्मदिवस पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के लोकार्पण को प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ा उपहार बताया।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़
देव संस्कृति विश्वविद्यालय सांकरा प्रदेश की राजधानी रायपुर शहर से १३ कि.मी. दूर दुर्ग जिले में कुम्हारी के पास सांकरा नामक ग्राम में बनाया गया है। यह विवि. सवालाख वर्ग फीट में बनाया गया है।

प्रथम सत्र अगले वर्ष से
वर्ष २०१८-१९ से देव संस्कृति विश्वविद्यालय, सांकरा का प्रथम सत्र आरंभ हो जायेगा। इस सत्र में चार-ग्राम प्रबंधन, पत्रकारिता, धर्म विज्ञान, योग पाठ्यक्रम आरंभ हो रहे हैं। भविष्य में कुल ५३ प्रकार के पाठ्यक्रम आरंभ किये जाने हैं। इनमें सूचना एवं प्रौद्योगिकी, थ्री-डी एनिमेशन, विज्ञान तकनीक, पत्रकारिता, योग, धर्मशास्त्र जैसे पाठ्यक्रमों का समावेश होगा।

देव संस्कृति विश्वविद्याल सांकरा का संचालन देव संंस्कृति विश्वविद्याल, शांतिकुंज की भाँति ही होगा। संकाय सदस्य भी शांतिकुुंज से ही भेजे जायेंगे।

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