साधकों में मातृशक्ति श्रद्धांजलि महापुरश्चरण में भागीदारी के लिए है भारी उत्साह
शांतिकुंज में अंत:ऊर्जा जागरण मौन साधना सत्र १ नवम्बर २०१७ पुन: आरंभ हो गये। प्रथम सत्र की पूर्व संध्या पर आदरणीय श्री वीरेश्वर उपाध्याय जी साधकों को इनकी महत्ता समझायी। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने मनुष्य को असीम सामर्थ्य प्रदान की है। यह साधना अपने मन और विचारों को एकाग्र कर उस सामर्थ्य को पहचानने और विकसित करने की साधना है। हमें इस विलक्षण सुयोग का लाभ उठाते हुए अपने इष्ट और अपने गुरु के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करना चाहिए। यह संबंध ही साधक को उनके दिव्य संरक्षण व अनुदानों का अधिकारी बनाता है।
मातृशक्ति श्रद्धांजलि महापुरश्चरण में भागीदारी को लेकर लोगों में इस साधना के लिए विशेष उत्साह दिखाई दिया। शांतिकुंज के अंतेवासी भी अंत:ऊर्जा जागरण साधना सत्रों में भाग ले रहे हैं।
सत्र शृंखला २३ मार्च २०१८ तक चलेगी।
शांतिकुंज में अंत:ऊर्जा जागरण मौन साधना सत्र १ नवम्बर २०१७ पुन: आरंभ हो गये। प्रथम सत्र की पूर्व संध्या पर आदरणीय श्री वीरेश्वर उपाध्याय जी साधकों को इनकी महत्ता समझायी। उन्होंने कहा कि परमात्मा ने मनुष्य को असीम सामर्थ्य प्रदान की है। यह साधना अपने मन और विचारों को एकाग्र कर उस सामर्थ्य को पहचानने और विकसित करने की साधना है। हमें इस विलक्षण सुयोग का लाभ उठाते हुए अपने इष्ट और अपने गुरु के साथ संबंधों को प्रगाढ़ करना चाहिए। यह संबंध ही साधक को उनके दिव्य संरक्षण व अनुदानों का अधिकारी बनाता है।
मातृशक्ति श्रद्धांजलि महापुरश्चरण में भागीदारी को लेकर लोगों में इस साधना के लिए विशेष उत्साह दिखाई दिया। शांतिकुंज के अंतेवासी भी अंत:ऊर्जा जागरण साधना सत्रों में भाग ले रहे हैं।
सत्र शृंखला २३ मार्च २०१८ तक चलेगी।