दिवंगत स्वजनों की स्मृति में कर रहे है वाङ्मय स्थापना
लखनऊ के १. रजत गर्ल्स कॉलेज, शक्तिनगर २. रजत पी.जी. कॉलेज, चिनहट ३. सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी में समग्र वाङ्मय साहित्य की स्थापना हुई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश
गायत्री ज्ञान मंदिर, लखनऊ द्वारा रजत गर्ल्स कॉलेज, शक्तिनगर एवं रजत पी.जी. कॉलेज, मटियारी, चिनहट, लखनऊ के पुस्तकालयों को युगऋषि रचित सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य भेंट किया गया। यह साहित्य श्रीमती कविता महेन्द्रा ने अपने स्व. पिता बृजभूषण अरोड़ा की स्मृति में भेंट किया है।
रजत गर्ल्स कॉलेज में स्थापना के समय वहाँ चेअरमेन डॉ. आर.जे. सिंह रजत सहित सभी संकाय सदस्य एवं छात्राएँ सभागार में उपस्थित थे। सभी छात्राओं को व्यक्तिगत रूप से अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की गयी।
रजत पी.जी. कॉलेज, मटियारी में वाङ्मय स्थापना अभियान के संयोजक श्री उमानन्द शर्मा ने कहा कि युगऋषि द्वारा रचित साहित्य जीवन में मानवीय मूल्यों का विकास कर व्यावसायिक, नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक हर क्षेत्र में व्यक्ति को उत्कृष्टता की ओर अग्रसर करता है।
इससे पूर्व श्री श्याम दुलारे मौर्या ने अपने पूर्वजों की स्मृति में सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, लखनऊ के केन्द्रीय पुस्तकालय में युगऋषि के सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना करायी।
लखनऊ के १. रजत गर्ल्स कॉलेज, शक्तिनगर २. रजत पी.जी. कॉलेज, चिनहट ३. सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी में समग्र वाङ्मय साहित्य की स्थापना हुई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश
गायत्री ज्ञान मंदिर, लखनऊ द्वारा रजत गर्ल्स कॉलेज, शक्तिनगर एवं रजत पी.जी. कॉलेज, मटियारी, चिनहट, लखनऊ के पुस्तकालयों को युगऋषि रचित सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य भेंट किया गया। यह साहित्य श्रीमती कविता महेन्द्रा ने अपने स्व. पिता बृजभूषण अरोड़ा की स्मृति में भेंट किया है।
रजत गर्ल्स कॉलेज में स्थापना के समय वहाँ चेअरमेन डॉ. आर.जे. सिंह रजत सहित सभी संकाय सदस्य एवं छात्राएँ सभागार में उपस्थित थे। सभी छात्राओं को व्यक्तिगत रूप से अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की गयी।
रजत पी.जी. कॉलेज, मटियारी में वाङ्मय स्थापना अभियान के संयोजक श्री उमानन्द शर्मा ने कहा कि युगऋषि द्वारा रचित साहित्य जीवन में मानवीय मूल्यों का विकास कर व्यावसायिक, नैतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक हर क्षेत्र में व्यक्ति को उत्कृष्टता की ओर अग्रसर करता है।
इससे पूर्व श्री श्याम दुलारे मौर्या ने अपने पूर्वजों की स्मृति में सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, लखनऊ के केन्द्रीय पुस्तकालय में युगऋषि के सम्पूर्ण वाङ्मय साहित्य की स्थापना करायी।