कार्यक्रम की प्रमुख बातें
• पूरे महाविद्यालय की चहारदीवारी के समानान्तर वृक्षारोपण किया गया।
• रक्तदान शिविर लगाया गया।
• विशाल कलश यात्रा और २४०० दीपों की साक्षी में हुआ दीपयज्ञ अत्यंत मनमोहक था।
• सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, गौसरंक्षण, नशा निवारण- कुरीति उन्मूलन आन्दोलनों की प्रेरणा दी गयी। रक्तदान, स्वच्छता आदि के लिए जनमानस को जागरूक किया गया। श्रीमाधोपुर के परिजन श्री उमेश जी ने उपरोक्त आन्दोलनों संबंधी प्रदर्शनी भी लगायी थी।
• गायत्री परिवार द्वारा संचालित गोविंद गोशाला एवं अनुसंधान केन्द्र, सीसवाली की ओर से डॉ. गर्ग ने पंचगव्य चिकित्सा पर आधारित स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया।
• दिया, सीसवाली की महिला इकाई का गठन हुआ।
• कृषि महाविद्यालय के संकल्प, निर्माण और संचालन में श्री रामेश्वर नैनीवाल जी के परिवार की प्रमुख भूमिका है। उनके पुत्र श्री सतीश नैनीवाल, पुत्रवधु श्रीमती राधा, पौत्र विशाल सहित समस्त परिवार ने इस कार्य में भरपूर योगदान दिया है।
• नदबई, भरतपुर शाखा का श्री रविसिंह इंदौलिया जी के नेतृत्व में विशिष्ट सहयोग रहा। नदबई शाखा ने कार्यक्रम में ब्रह्मभोज साहित्य उपलब्ध कराया था।
सीसवाली, बाराँ। राजस्थान
सीसवाली शाखा ने महिला जागृति अभियान का नया अध्याय आरम्भ करते हुए राजस्थान के प्रथम महिला कृषि महाविद्यालय का निर्माण कराया है। संभवतः: यह पूरे देश में भी पहला महिला कृषि महाविद्यालय है। प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने इसका लोकार्पण करते हुए आशा व्यक्त की कि यह महाविद्यालय देश में एक कीर्तिमान स्थापित करेगा। आत्म निर्माण और लोक कल्याण की भावना से संचालित इस महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएँ समाज को प्रगति के शिखर पर ले जायेंगी।
कृषि महिला महाविद्यालय का लोकार्पण २२ से २६ जून की तिथियों में आयोजित १०८ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ हुआ। शांतिकुंज से श्री वीरेन्द्र तिवारी की टोली कार्यक्रम संचालन के लिए पहुँची थी। सर्वश्री प्रेमनारायण गालव, अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक बोर्ड राजस्थान सरकार, श्री नंदलाल सुमन, जिला प्रमुख बाराँ, डॉ. सत्यपाल सिंह, जिला कलेक्टर बाराँ, प्रो. पी.के. दशोरा, कुलपति कोटा विश्वविद्यालय, प्रो. जी.एल. केशवा कुलपति कृषि विश्वविद्यालय कोटा आदि अनेक गणमान्यों ने महायज्ञ में भागीदारी करते हुए गायत्री परिवार के युग निर्माण आन्दोलन को प्रोत्साहित किया।
• पूरे महाविद्यालय की चहारदीवारी के समानान्तर वृक्षारोपण किया गया।
• रक्तदान शिविर लगाया गया।
• विशाल कलश यात्रा और २४०० दीपों की साक्षी में हुआ दीपयज्ञ अत्यंत मनमोहक था।
• सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, गौसरंक्षण, नशा निवारण- कुरीति उन्मूलन आन्दोलनों की प्रेरणा दी गयी। रक्तदान, स्वच्छता आदि के लिए जनमानस को जागरूक किया गया। श्रीमाधोपुर के परिजन श्री उमेश जी ने उपरोक्त आन्दोलनों संबंधी प्रदर्शनी भी लगायी थी।
• गायत्री परिवार द्वारा संचालित गोविंद गोशाला एवं अनुसंधान केन्द्र, सीसवाली की ओर से डॉ. गर्ग ने पंचगव्य चिकित्सा पर आधारित स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया।
• दिया, सीसवाली की महिला इकाई का गठन हुआ।
• कृषि महाविद्यालय के संकल्प, निर्माण और संचालन में श्री रामेश्वर नैनीवाल जी के परिवार की प्रमुख भूमिका है। उनके पुत्र श्री सतीश नैनीवाल, पुत्रवधु श्रीमती राधा, पौत्र विशाल सहित समस्त परिवार ने इस कार्य में भरपूर योगदान दिया है।
• नदबई, भरतपुर शाखा का श्री रविसिंह इंदौलिया जी के नेतृत्व में विशिष्ट सहयोग रहा। नदबई शाखा ने कार्यक्रम में ब्रह्मभोज साहित्य उपलब्ध कराया था।
सीसवाली, बाराँ। राजस्थान
सीसवाली शाखा ने महिला जागृति अभियान का नया अध्याय आरम्भ करते हुए राजस्थान के प्रथम महिला कृषि महाविद्यालय का निर्माण कराया है। संभवतः: यह पूरे देश में भी पहला महिला कृषि महाविद्यालय है। प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने इसका लोकार्पण करते हुए आशा व्यक्त की कि यह महाविद्यालय देश में एक कीर्तिमान स्थापित करेगा। आत्म निर्माण और लोक कल्याण की भावना से संचालित इस महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राएँ समाज को प्रगति के शिखर पर ले जायेंगी।
कृषि महिला महाविद्यालय का लोकार्पण २२ से २६ जून की तिथियों में आयोजित १०८ कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ हुआ। शांतिकुंज से श्री वीरेन्द्र तिवारी की टोली कार्यक्रम संचालन के लिए पहुँची थी। सर्वश्री प्रेमनारायण गालव, अध्यक्ष वरिष्ठ नागरिक बोर्ड राजस्थान सरकार, श्री नंदलाल सुमन, जिला प्रमुख बाराँ, डॉ. सत्यपाल सिंह, जिला कलेक्टर बाराँ, प्रो. पी.के. दशोरा, कुलपति कोटा विश्वविद्यालय, प्रो. जी.एल. केशवा कुलपति कृषि विश्वविद्यालय कोटा आदि अनेक गणमान्यों ने महायज्ञ में भागीदारी करते हुए गायत्री परिवार के युग निर्माण आन्दोलन को प्रोत्साहित किया।