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Hyderabad, Ashwamedha Mahayagya

अश्वमेध गायत्री महायज्ञ हैदराबाद, तेलंगाना 2020
16 अप्रैल 2018 (सोमवती अमावस्या) के अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पंड्या जी ने 2020 हैदराबाद में 45वें "अश्वमेध गायत्री महायज्ञ" की घोषणा गायत्री तीर्थ-शान्तिकुञ्ज, हरिद्वार में किया। उन्होंने कहा कि, "प्रयाज" के अंतर्गत गयात्री मन्त्र जाप, गायत्री मन्त्र लेखन, गायत्री चालीसा पाठ द्वारा साधनात्मक वातावरण तैयार करना है। हैदराबाद तेलंगाना राज्य की राजधानी के साथ हाईटैक सिटी है। वहाँ पर गायत्री महामन्त्र का उद्घोष नये युग की आधारशिला रखेगी। 2020 तक साधनात्मक, प्रशिक्षणात्मक और रचनात्मक कार्यक्रमों की श्रृंखला का शुभारम्भ करना है। जिससे तेलंगाना राज्य और आन्ध्र प्रदेश दोनों तेलुगु राज्य गायत्रीमय हो जायें।

इस अवसर पर हैदराबाद से श्रीमती श्रीवाणी, श्री रंगाराव, श्री उपेन्द्र जी, श्री श्रीनिवास राव, श्री गोकुल चन्द्र उपाध्याय जी, श्री बलदेव सिंह, श्री सम्भशिव राव जी और शान्तिकुञ्ज के वरिष्ठ प्रतिनिधि दक्षिण ज़ोन प्रभारी आदरणीय डॉ. बृजमोहन गौड़ जी, श्री उमेश शर्मा, श्रीमती प्रशान्ति शर्मा और श्री एन वी शिवजी राव की विशेष उपस्थित रही।

देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रो. वी.सी. डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने दो वर्ष तक प्रयाज कार्यक्रम की रूपरेखा बतायी और प्रयाज को कई चरणों में करने का मार्गदर्शन दिया। दक्षिण में बहुत ऊर्जा और आस्था है, उसे सही दिशा देने की आवश्यकता है।

शान्तिकुञ्ज के मनीषी आदरणीय श्री वीरेश्वर उपाध्याय जी ने प्रचार के साथ संगठन को मजबूत करने के बिन्दुओं पर चर्चा का सम्वाद आगे बढ़ाया। सभी सामाजिक संगठनों के साथ तालमेल बिठाकर जनमानस में युगनिर्माण के सूत्रों को स्थापित करने की पहल की।

शान्तिकुञ्ज के व्यवस्थापक श्री शिव प्रसाद मिश्रा जी ने कार्यकर्ताओं से तालमेल बनाकर ग्राम, मण्डल, जिले स्तर पर सभी को आमन्त्रित करने के उपाय सुझाये। शक्ति पीठ प्रकोष्ठ के प्रभारी श्री कपिल केशरी वर्मा जी ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य में निर्मित गायत्री शक्ति पीठों, प्रज्ञा पीठों को सीधे शान्तिकुञ्ज के द्वारा विधि अनुशासन और मिशन के नैतिक मूल्यों से सभी को जोड़ने की बात कही, जिससे संगठन में एकरुपता रहेगी। जोनल संगठन प्रभारी श्री कालीचरण शर्मा जी ने आश्वमेधिक सफलता के सूत्र सुझाये, उन्होंने कहा कि प्रयाज कार्य में पूरी शक्ति झोंकनी है। "प्रयाज" जितना सघन-जबरदस्त होगा "याज" उतना ही सफल-सार्थक होगा। डॉ. ओ. पी. शर्मा जी ने गायत्री मन्त्र के व्यावहारिक सूत्रों को घर-घर पहुँचाने का यह स्वर्णिम सुअवसर है। दक्षिण भारत ज़ोन प्रभारी डॉ. बृजमोहन गौड़ जी ने आये हुए यज्ञ समिति के परिजनों को अदम्य साहस और अटूट निष्ठा के साथ इस "देव संस्कृति दिग्विजय अभियान" को बिना रुके पूर्णताः तक पहुँचाना है। यह अश्वमेध दक्षिण का मात्र नहीं, पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। इक्कीसवीं सदी उज्ज्वल भविष्य लेकर आएगा।

एक दिन पूर्व 15 अप्रैल रविवार को हैदराबाद के युवाओं में नई ऊर्जा भरने व भावी जिम्मेदारी को सही निर्वहन करने के उद्देश्य से गायत्री चेतना केन्द्र मूसापेट में सङ्गोष्ठी सम्पन्न हुई। जिसमें दक्षिण भारत ज़ोन के संरक्षक श्री अश्विनी सुब्बा राव जी ने "दिया" के सक्रिय परिजनों को सम्बोधित किया। जिसमें कहा कि सभी को मिलजुल कर गुरुसत्ता का कार्य आगे बढ़ाना है। आने वाले समय में मिशन का कार्य रेल के डिब्बों की तरह बढ़ाता चला आ रहा है। उसके लिये संघबद्ध होकर चलने की आवश्यकता है। "दिया" हैदराबाद के प्रभारी श्री एम.वी.एस. राजू जी ने जीवन पर्यन्त गुरुदेव के कार्य को करने का वचन दोहराया और शान्तिकुञ्ज व्यवस्था के आदेश का पालन करते रहेंगे। पूरे उत्साह के साथ सङ्गोष्ठी सम्पन्न हुई।

।। देव संस्कृति दिग्विजय अभियान हेतु ।।
आश्वमेधिक गायत्री महापुरश्चरण साधना अभियान
दो वर्ष की समयावधि में 108 गायत्री महापुरश्चरण सम्पन्न होंगे, जो बुधवार 18 अप्रैल 2018 पावन अक्षय तृतीया से शुभारम्भ होकर बुधवार 29 जनवरी 2020 वसन्त पञ्चमी तक चलेगा।

व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से प्रतिदिन प्रातः 7:00 बजे और सायं 7:00 बजे। कम से कम 10 मिनट के लिए आश्वमेधिक गायत्री महापुरश्चरण साधना में अवश्य योगदान देकर श्रेय और पुण्य के भागीदार बनें।

ब्रह्मविद्या, प्राणविद्या, गायत्री महाविद्या के प्रयोग द्वारा विश्व विरासत को संरक्षित करने के लिए आश्वमेधिक पुरुषार्थ हेतु गायत्री महामन्त्र जाप, गायत्री चालीसा पाठ, गायत्री मन्त्र लेखन साधना और युग साहित्य के पठन-पाठन का प्रयोग आप अपनी सुविधा से कर सकते हैं।

मानव द्वारा निर्मित आपदाओं से सुरक्षा हेतु। मनुष्य मात्र के उज्ज्वल भविष्य और सद्बुद्धि की प्रार्थना के लिये गायत्री परिवार की जनशक्ति द्वारा 108 गायत्री महापुरश्चरण साधना सम्पन्न होंगे। असत्य पर सत्य की, अन्धकार पर प्रकाश की और मृत्यु पर अमरत्व की प्राप्ति के लिये दैवीय आश्वमेधिक प्रयोग।

तेलुगु प्रान्तों में पारिवारिक गायत्री यज्ञ आन्दोलन के अन्तर्गत सवा लाख घरों में गायत्री यज्ञ और देव स्थापना कार्यक्रम का शुभारम्भ। इससे पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण स्वस्थ और प्राणवान बनेगा।

दक्षिण भारत ज़ोन
गायत्री तीर्थ-शान्तिकुञ्ज, हरिद्वार 249411 (उत्तराखण्ड)
फोन नं.: 9258360651
E-mail: south@awgp.in

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