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पहली परख-श्रद्धा और विनम्रता
परिचय-पत्र लेकर शिष्य धर्मगुरु केइचु मेइजी के पास गया और बिना कुछ कहे उनके हाथ में वह परिचय-पत्र थमा दिया। लिखा था- राज्यपाल किटागाकी- क्योटो राज्य।
संत मेइजी ने कार्ड एक ओर रख दिया और बोले - मुझे इन महाशय से कोई काम नहीं है? न ही उनसे मिलने की आवश्यकता है। जाओ, और उनसे कह दो कि आप यहाँ से जा सकते हैं।
शिष्य ने वापस आकर सन्त के...
Akhandjyoti Aug(1970)