: *वाह रे पैसा! तेरे कितने नाम?*
: *वाह रे पैसा! तेरे कितने नाम?*मंदिर मे दिया जाये तो *( चढ़ावा )*स्कुल में *( फ़ीस )*शादी में दो तो *( दहेज )*तलाक देने पर *( गुजारा भत्ता )*आप किसी को देते हो तो *( कर्ज )*अदालत में *( जुर्माना )*सरकार लेती है तो *( कर )*सेवानिवृत्त होने पे *( पेंशन )*अपहर्ताओ के लिएं *( फिरौती )*होटल में सेवा के लिए *( टिप )*बैंक से उधार लो तो *( ऋण )*श्रमिकों के लिए *( वेतन )*मातहत कर्मियों के लिए *( मजदूरी )*अवैध रूप से प्राप्त सेवा *( रिश्वत )*और मुझे दोगे तो *(गिफ्ट)**मैं पैसा हूँ:!*मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।*मैं पैसा हूँ:!*मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।*मैं पैसा हूँ:!*
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।*मैं पैसा हूँ:!*मैं नमक की तरह हूँ; जो जरुरी तो है मगर जरुरतसे ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।*मैं पैसा हूँ:!*इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिरभी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।*मैं पैसा हूँ:!*मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ; कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।*मैं पैसा हूँ:!*मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ:! आपके पास नहीं हूँ तो; आपका नहीं हूँ:! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं।*मैं पैसा हूँ:!*मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ; मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।*मैं पैसा हूँ:!*मैं सारे फसाद की जड़ हूँ; मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं:?।*रूपये का इतिहास*
जरूर पढे
प्राचीन भारतीय मुद्रा प्रणाली*
अपने बचचौ को जरुर पढायै.फूटी कौड़ी (Phootie Cowrie) से कौड़ी,
कौड़ी से दमड़ी (Damri),
दमड़ी से धेला (Dhela),
धेला से पाई (Pie),
पाई से पैसा (Paisa),
पैसा से आना (Aana),
आना से रुपया (Rupya) बना।
256 दमड़ी = 192 पाई = 128 धेला = 64 पैसा (old) = 16 आना = 1 रुपया1) 3 फूटी कौड़ी - 1 कौड़ी
2) 10 कौड़ी - 1 दमड़ी
3) 2 दमड़ी - 1 धेला
4) 1.5 पाई - 1 धेला
5) 3 पाई - 1 पैसा ( पुराना)
6) 4 पैसा - 1 आना
7) 16 आना - 1 रुपयाप्राचीन मुद्रा की इन्हीं इकाइयों ने हमारी बोल-चाल की भाषा को कई कहावतें दी हैं, जो पहले की तरह अब भी प्रचलित हैं। देखिए :
●एक 'फूटी कौड़ी' भी नहीं दूंगा।
●'धेले' का काम नहीं करती हमारी बहू !
●चमड़ी जाये पर 'दमड़ी' न जाये।
●'पाई-पाई' का हिसाब रखना।
●सोलह 'आने' सच
: *वाह रे पैसा! तेरे कितने नाम?*मंदिर मे दिया जाये तो *( चढ़ावा )*स्कुल में *( फ़ीस )*शादी में दो तो *( दहेज )*तलाक देने पर *( गुजारा भत्ता )*आप किसी को देते हो तो *( कर्ज )*अदालत में *( जुर्माना )*सरकार लेती है तो *( कर )*सेवानिवृत्त होने पे *( पेंशन )*अपहर्ताओ के लिएं *( फिरौती )*होटल में सेवा के लिए *( टिप )*बैंक से उधार लो तो *( ऋण )*श्रमिकों के लिए *( वेतन )*मातहत कर्मियों के लिए *( मजदूरी )*अवैध रूप से प्राप्त सेवा *( रिश्वत )*और मुझे दोगे तो *(गिफ्ट)**मैं पैसा हूँ:!*मुझे आप मरने के बाद ऊपर नहीं ले जा सकते; मगर जीते जी मैं आपको बहुत ऊपर ले जा सकता हूँ।*मैं पैसा हूँ:!*मुझे पसंद करो सिर्फ इस हद तक कि लोग आपको नापसन्द न करने लगें।*मैं पैसा हूँ:!*
मैं भगवान् नहीं मगर लोग मुझे भगवान् से कम नहीं मानते।*मैं पैसा हूँ:!*मैं नमक की तरह हूँ; जो जरुरी तो है मगर जरुरतसे ज्यादा हो तो जिंदगी का स्वाद बिगाड़ देता है।*मैं पैसा हूँ:!*इतिहास में कई ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे जिनके पास मैं बेशुमार था; मगर फिरभी वो मरे और उनके लिए रोने वाला कोई नहीं था।*मैं पैसा हूँ:!*मैं कुछ भी नहीं हूँ; मगर मैं निर्धारित करता हूँ; कि लोग आपको कितनी इज्जत देते है।*मैं पैसा हूँ:!*मैं आपके पास हूँ तो आपका हूँ:! आपके पास नहीं हूँ तो; आपका नहीं हूँ:! मगर मैं आपके पास हूँ तो सब आपके हैं।*मैं पैसा हूँ:!*मैं नई नई रिश्तेदारियाँ बनाता हूँ; मगर असली औऱ पुरानी बिगाड़ देता हूँ।*मैं पैसा हूँ:!*मैं सारे फसाद की जड़ हूँ; मगर फिर भी न जाने क्यों सब मेरे पीछे इतना पागल हैं:?।*रूपये का इतिहास*
जरूर पढे
प्राचीन भारतीय मुद्रा प्रणाली*
अपने बचचौ को जरुर पढायै.फूटी कौड़ी (Phootie Cowrie) से कौड़ी,
कौड़ी से दमड़ी (Damri),
दमड़ी से धेला (Dhela),
धेला से पाई (Pie),
पाई से पैसा (Paisa),
पैसा से आना (Aana),
आना से रुपया (Rupya) बना।
256 दमड़ी = 192 पाई = 128 धेला = 64 पैसा (old) = 16 आना = 1 रुपया1) 3 फूटी कौड़ी - 1 कौड़ी
2) 10 कौड़ी - 1 दमड़ी
3) 2 दमड़ी - 1 धेला
4) 1.5 पाई - 1 धेला
5) 3 पाई - 1 पैसा ( पुराना)
6) 4 पैसा - 1 आना
7) 16 आना - 1 रुपयाप्राचीन मुद्रा की इन्हीं इकाइयों ने हमारी बोल-चाल की भाषा को कई कहावतें दी हैं, जो पहले की तरह अब भी प्रचलित हैं। देखिए :
●एक 'फूटी कौड़ी' भी नहीं दूंगा।
●'धेले' का काम नहीं करती हमारी बहू !
●चमड़ी जाये पर 'दमड़ी' न जाये।
●'पाई-पाई' का हिसाब रखना।
●सोलह 'आने' सच